shiv chalisa in hindi Secrets
shiv chalisa in hindi Secrets
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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लिङ्गाष्टकम्
Whosoever offers incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with appreciate and devotion, enjoys content happiness and spiritual bliss During this earth and hereafter ascends towards the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminated the struggling of all and grants them eternal bliss.
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ more info राम दूत अतुलित बल धामा
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र